6.त्रिपुर भैरवी महाविद्या
माँ भैरवी को तंत्र साधना की अत्यंत प्रभावशाली देवी माना जाता है।
इनकी उपासना से साधक सभी सांसारिक बंधनों से मुक्त हो जाता है।
माँ भैरवी की कृपा से जीवन में व्यापार में वृद्धि, धन-सम्पदा की प्राप्ति, और भय से मुक्ति होती है।
इनका स्वरूप उग्र, लेकिन साधक के लिए अत्यंत कृपालु होता है।
इनकी साधना विशेष रूप से रक्तचंदन की माला, शनिवार और अमावस्या को करनी चाहिए।
मुख्य बातें:
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माँ भैरवी का स्वरूप उग्र, तामसिक और तंत्र शक्ति से युक्त है।
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सभी प्रकार के भय, रोग, ऋण और शत्रु बाधाओं से रक्षा करती हैं।
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इनकी पूजा से व्यवसाय, रोजगार, और साहस में वृद्धि होती है।
मंत्र इस प्रकार हैं:
📿 बीज मंत्र:
‘ह सः हसकरी हसे।’
(यह रहस्यमय और गुप्त बीज मंत्र है, उच्च साधना में प्रयुक्त होता है।)
📿 मुख्य मंत्र:
‘ह्रीं भैरव्यै क्लौं ह्रीं स्वाहा।’
(इस मंत्र का जप रक्तचंदन या रुद्राक्ष माला से करें।)