मातंगी महाविद्या

माँ मातंगी को कला, संगीत, वाणी और आकर्षण की देवी माना जाता है।
जो भक्त गृहस्थ जीवन में सुख और सामाजिक सम्मान चाहते हैं, उन्हें माँ मातंगी की उपासना अवश्य करनी चाहिए।
माँ मातंगी विद्या, संगीत, नृत्य, वाणी सिद्धि और आकर्षण प्रदान करती हैं।
इनकी आराधना से साधक का स्वर, भाषण और अभिव्यक्ति अत्यंत प्रभावशाली हो जाता है, जिससे वह दूसरों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर लेता है।
मुख्य बातें:
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मातंगी को “तंत्र की सरस्वती” भी कहा जाता है।
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यह शुद्ध ज्ञान, कला, और वाणी की अधिष्ठात्री देवी हैं।
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इनकी पूजा विशेष रूप से कलाकारों, वक्ताओं, गायकों और विद्वानों के लिए अत्यंत फलदायी होती है।
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गृहस्थ व्यक्ति के लिए यह देवी शांति, प्रेम और आकर्षण देने वाली हैं।
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साधना में हरित रंग और नीलकंठ पक्षी का विशेष महत्त्व होता है।
मंत्र इस प्रकार हैं:
📿 बीज मंत्र:
‘ॐ ह्रीं ऐं भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहा।’
📿 मुख्य साधना मंत्र:
‘श्रीं ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा।’
(इन मंत्रों का जप विशेषकर रात्रि में, शांत स्थान पर, नियमपूर्वक करने से वाक् सिद्धि एवं आकर्षण की अद्भुत शक्ति प्राप्त होती है।)